शादी से पहले आखिरी बार.....

अपने भाई यश से एक बार चु-द-ने के बाद हमारा यह खेल रोजाना चलने लगाइसी बीच मेरा कॉलेज खत्म हो गया। कॉलेज के फेयरवेल के दिन मैं और वाणी साड़ी पहन कर कॉलेज गएमुझे यश को अपनी कार की चाबी देनी थी इसलिए मैंने यश को फोन करके पूछा तो उसने बताया कि वो अपने कॉलेज में है। मैं बताना भूल गई हम दोनों अलग-अलग कॉलेज में पढ़ते थेमाफ कीजियेगा नाम नहीं बता सकती।

जब मैं यश को चाबी देने पहुँची तो

वो अपने दोस्तों के साथ खड़ा था। मुझे देखते ही उसके दोस्त लार टपकाने लगे और मुझे घूरघूर कर देखने लगे। चूँकि यश वहीं खड़ा था इसलिए किसी की हिम्मत नहीं हुई कि मुझसे कोई बात कर सकें।

सेक्सी ही इतनी थी में कि क्या बताऊं...

कॉलेज खत्म होने के बाद मेरा घर से बाहर निकलना लगभग बंद ही हो गयामैं बस शॉपिंग करने और किसी जगह घूमने जाना हो तभी बाहर निकलती थी। इसी बीच मेरे लिए एक घर से रिश्ता आयालड़के का नाम साहिल थालड़के वाले वैसे तो राजस्थान से थे मगर आजकल दिल्ली में हौजखास एरिया में रहते थे। मैं बता दूँ हौजखास दिल्ली का सबसे पोश इलाका हैलड़के वाले बहुत अमीर थे इसलिए मेरे माता-पिता ने तुरंत हाँ बोल दी।

लड़के वाले बहुत अमीर थे इसलिए मेरे चाचा ने भी वाणी के लिए साहिल के छोटे भाई गौरव का रिश्ता माँगा जिसे लड़के वालों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

जब मेरे रिश्ते की बात यश ने सुनी तो वो आगबबूला हो गयाउस रात जब यश मेरे कमरे में आया उसने बहुत शराब पी रखी थीशराब के नशे में यश ने मुझे जमकर चो-दा। जब सुबह यश होश में आया तो मैंने यश से वादा लिया कि आज के बाद हम दोनों एक-दूसरे के साथ से-क्स नहीं करेंगे और ना ही यश वाणी को चो-दे-गा क्यूंकि उसकी भी शादी होने वाली है और वो मेरी होने वाली देवरानी है।

यश ने मान लिया और मुझसे वादा किया वो आज के बाद ऐसा नहीं करेगा।

यश से वादा लेने की बात मैंने वाणी को बताई तो उसने भी मुझे सराहा और बोलीअच्छा हुआ कि तुमने बात कर ली वर्ना मुझे तो समझ नहीं  रहा था कि मैं यश से कैसे बात करूँगी।

हम दोनों की शादी की बात पक्की हो चुकी थी मगर ना ही अब तक मैंने और ना ही वाणी ने लड़कों की फोटो देखी थी इसलिए मैंने पापा और वाणी से साहिल और गौरव से मिलने की जिद कीजिसे उन्होंने मान लिया।

मैंने साहिल को फोन किया और उसे नेताजी सुभाष प्लेस के मेट्रो स्टेशन पर बुलायाजब मैं साहिल से मिली तो मैं बहुत खुश हुई क्योंकि साहिल देखने में काफी सुन्दर था और एक बलिष्ठ शरीर का मालिक भी था। मुझे लगा अब मुझे कहीं बाहर मुँह मारने की जरुरत नहीं होगी।


कुछ वक्त साथ बिताने के बाद मैंने साहिल से विदा मांगी तो साहिल बोलातुम मेरी होने वाली पत्नी होतुम बस के धक्के खाओअच्छा नहीं लगता !

साहिल ने किसी को फोन मिलाया और थोड़ी ही देर में एस.यू.वीहमारे सामने थी। मैं और साहिल पीछे बैठ गए और ड्राईवर कार चला रहा था। सबसे पहले साहिल ने मेरे कंधे पर हाथ रखायह मेरे लिए कोई नया नहीं था और मैं जानती थी कि साहिल क्या करना चाहता है मैंने कोई विरोध नहीं किया और धीरे-धीरे मेरे होंठो की तरफ बढ़ा और मेरे होंठों को चूम लिया।

मैंने कोई विरोध नहीं कियामगर फिर भी साहिल मुझे सॉरी बोलने लगा।

मैंने कहाकोई बात नहीं ! कुछ ही दिनों में हमारी शादी होने वाली है और मैं तुम्हारी होने वाली पत्नी हूँ।

इसके बाद साहिल मेरे टॉप के ऊपर से मेरे बू-ब्स दबाने लगा तो मैंने तुरंत ही उसे हटा दियामैंने सोचा कहीं उसे यह ना लगे कि मैं चरित्रहीन हूँ।

थोड़ी ही देर में मेरा घर  गयासाहिल शरमा रहा था इसलिए मैं खुद ही उसे गुडबाय किस दे दिया।

उस शाम में ही मैंने साहिल को अपना दीवाना बना दिया था।

शाम को मैंने और वाणी ने अपना अनुभव एक-दूसरे से बांटावाणी ने बताया कि गौरव दिखने में अच्छा नहीं है और काफी पतला भी हैवाणी शायद गौरव से खुश नहीं थी लेकिन उसने बताया कि गौरव बिलकुल शर्मीला नहीं है जैसा कि साहिल है।

कुछ ही दिनों में मेरी और वाणी की सगाई थीघर में सगाई की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही थी। आखिर वो दिन भी  गया जो हर लड़की कि जिंदगी में जरुरी होता हैसगाई के दिन मैंने पहली बार गौरव को देखागौरव सच में पतला था। चूँकि लड़के वाले बहुत अमीर थे इसलिए वो चाहते थे कि शादी का पूरा खर्चा वो करेंउन्हें तो बस लड़की चाहिए थीइसलिए उनकी तरफ से बहुत सी ज्वैलरी आई उन्होंने एक बहुत महंगी साड़ी भी मेरे लिए भेजी।

सगाई किसी तरह अच्छे से निपट गईसगाई की थकावट में पूरा शरीर टूट रहा था इसलिए मैं अपने कमरे मे गई और सिगरेट के कश का आनन्द लेने लगी।

तभी यश मेरे कमरे में आया और कमरे में घुसते ही दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और मुझसे बोलाकम से कम दरवाजा तो बंद कर लेती !

मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और सिगरेट का आनन्द लेती रहीकब यश ने मेरे पीछे आकर मेरी कमर में अपने हाथ डाल दिए मुझे पता नहीं लगा। यश ने थोड़ी पी रखी थीमैंने उसे पीछे धकेला और कहातुमने वादा किया था कि हम सिर्फ भाई-बहन की तरह रहेंगे ना कि पति-पत्नी की तरह।

तभी बाहर से दरवाजा बजामैंने तुरंत सिगरेट बाहर फेंक दी।

बाहर साहिल खड़ा थाजैसे ही साहिल अंदर घुसा तो उसने यश से कहासिगरेट पीना अच्छी बात नहीं है।

यश कुछ नहीं बोला और अपनी गर्दन नीचे कर ली। मैं समझ गई कि साहिल बहुत शरीफ लड़का हैमैंने निश्चय कर लिया कि मैं उसके लायक बनने की कोशिश करुँगी। साहिल और उसके घरवाले सब काम निबटने के बाद वहाँ से चले गए।

अगले ही दिन यश पापा से कहीं घूमने जाने के लिए अनुमति मांग रहा थामैं भी सगाई के कारण काफी थक गई और मैं भी कहीं घूमने जाना चाहती थी। मगर यश अपने दोस्तों के साथ जा रहा था तो मैंने सोचा मैं तो वहाँ बोर हो जाऊँगी इसलिए मैंने यश से नहीं पूछा।

मगर कुछ देर बाद यश खुद ही मुझसे पूछने मेरे कमरे में आया तो मेरे मन में भी लालसा जाग गई और मैंने हाँ बोल दिया।

पापा तो वैसे भी मेरे हाथों की चाभी बन चुके थे तो उन्होंने निस्सकोच हाँ कह दिया।

अगले दिन सुबह ही उन लोगों का घूमने जाने का प्लान थामैंने उनसे यह तक नहीं पूछा था कि वे लोग घूमने कहाँ जा रहे हैं। सुबह-सुबह दो कारें हमारें घर के सामने रुकीउसमें से यश के 8 दोस्त बाहर आये। मैंने उन लोगों को देख पूछा कि तुम्हारे ग्रुप की कोई लड़की नहीं जा रही?

तो यश बोलाहम तो लड़के-लड़के जा रहे थे। मुझे लगा तुम मना कर दोगी इसलिए किसी लड़की को नहीं बुलाया।

चूँकि मैंने जाने की पूरी तैयारी कर ली थी और मेरा घूमने का मन भी था तो मैंने प्लान कैंसल करना उचित नहीं समझा। इसके बाद पापा को बोल कर मैंने और यश ने हमारी कार निकली और मनाली चल दिए।

रास्ते में एक जगह पर हमने कार रोकी और हम सब बाहर आये तो मैंने यश के बाकी सारे दोस्तों को देखातब मुझे याद आया कि ये सब तो वही है जो मुझे देख कर फेयरवेल के दिन लार टपका रहे थे।

लेकिन मैंने उस बात को इग्नोर कर दिया। मुझे लगा हम मनाली में किसी होटल में रुकेंगेमगर हमारी कार एक घर के सामने रुकी। यश बोलायह हमारे एक दोस्त का घर हैहमें यहाँ कोई परेशानी नहीं होगी और हमारे होटल के पैसे भी बच जायेंगे जो हम कहीं और खर्च कर सकते हैं।

मुझे सुझाव अच्छा लगाउस घर में चार कमरे थे। एक कमरा उन लोगो ने मुझे दे दिया और बाकी नौ जने बचे हुए तीन कमरों में एडजस्ट हो गए।

मैं सफर के कारण काफी थक गई थी इसलिए मैंने सबसे पहले स्नान किया और फ्रेश होकर बाहर  गई। यश के 3 दोस्त वहीं बाहर बैठे थे।

मैं नहीं चाहती थी यश के दोस्त मुझसे अनजान रहे और मैं उनके लिए अजनबीइसलिए मैंने खुद ही दोस्ती बढ़ाने की पहल की और खुद उनसे जाकर बात करने लगी। कुछ ही देर में मुझे ठण्ड लगने लगी और मैं ठिठुरने लगी तो यश के एक दोस्त कपिल ने मेरे सामने सिगरेट कर दी और बोलाब्राण्डी तो खत्म हो गई हैतुम चाहो तो यह ट्राई कर सकती हो।

मैंने कहामैं स्मोक नहीं करती !

तो उसने कहामाफ करनाठण्ड ज्यादा थी इसलिए ब्राण्डी खत्म हो गई लेकिन सिगरेट ट्राई करने में कुछ बुरा नहीं है।

वो मुझे जोर देकर कहने लगा तो मैंने भी सिगरेट स्वीकार कर ली।

तभी अंदर से यश और उसके बाकी तीन दोस्त हँसते हुए बाहर आये और बोलेकपिल यारतू शर्त जीत गयातूने अर्चना को सिगरेट के लिए राजी कर ही लिया।

मैं समझ गई कि यहाँ क्या हो रहा था। इसके बाद मैं भी उनके गैंग का हिस्सा बन गई और मेरी उन सबसे अच्छी दोस्ती हो गई।

दो दिन कब गुजर गए पता ही नहीं चलाचूँकि हम वहाँ सात दिनों के लिए आये थे। तीसरे दिन शाम को हम सभी ट्रुथ और डेअर खेल रहे थेजैसे ही सबसे पहले बोतल घुमाई तो वो मेरी तरफ रुकीतो मैंने डेअर बोल दिया तो सबने मुझसे मॉडल की तरह चलने को बोला।

जब मैं वॉक कर रही थी मैंने देखा कि सबके लंड खड़े हो गए थे।

इसी तरह हम काफी देर तक खेलते रहे। एक बार जब बोतल यश की तरफ रुकी तो उसने ट्रुथ(सचकह दिया।

तो कपिल ने कहाकुछ ऐसा अपने बारे में बताओ जो हमें ना पता हो।

यश काफी देर तक सोचता रहाफिर उसने जो बोला उसे सुनकर मैं दंग रह गईउसने सबके सामने बोल दिया कि उसके मेरे साथ जिस्मानी सम्बन्ध रह चुके हैं।

शर्म के मारे मैं वहाँ बैठ नहीं पाई और उठकर वहाँ से चली आई।

अगली सुबह जब मैं उठी तो उन सबसे आखें नहीं मिला पा रही थीमैं सीधा उस कमरे में गई जिसमे यश था। मेरे अंदर घुसते ही बाकी सब बाहर निकल गएमैं बहुत गुस्से में थीमैं कुछ बोलती उससे पहले ही यश बोलामैंने बहुत पी ली थी और दिमाग काम नहीं कर रहा थाजो दिमाग में आया वही बोल दिया।

मैंने भी फिर कुछ नहीं बोला क्योंकि जो होना था वो हो चुका था और मैं वापिस अपने कमरे में  गई।

मुझे अपने कमरे में बहुत ठण्ड लग रही थी तो मैंने यश के दूसरे दोस्त राजीव से ब्राण्डी मांगी तो उसने भी सिगरेट का पैकेट पकड़ा दिया और बोलासॉरीआज ब्राण्डी लाये ही नहीं ! हम लोग भी सिगरेट से काम चला रहे हैं।

मैंने सिगरेट का पैकेट लिया और अपने कमरे माँ आकार सिगरेट फ़ूंकने लगी। उस पूरे दिन मैं अपने कमरे में रहीमैं चाहती थी कब ये छुट्टियाँ खत्म हों और मैं अपने घर जाऊँ।

उस दिन शाम को मुझे बहुत ठण्ड लग रही थी और सिगरेट भी खत्म हो चुकी थी। मैंने जाकर राजीव से ब्रांडी या सिगरेट मांगी तो वो बोला कि दोनों ही खत्म हैं।

चूँकि मैं पहली बार मनाली आई थी और वो भी ठण्ड मेंतो मुझसे ठण्ड बर्दाश्त नहीं हो रही थी। मुझे लगा मैं तो इस ठण्ड में मर ही जाऊँगी तो मैंने सोचा मैं पहले भी यश से चुद चुकी हूँएक बार और चुद लूंगी तो क्या फ़र्क पड़ेगाइसलिए मैं यश के कमरे की तरफ गई तो देखा यश सो रहा था,

मैंने यश को जगाने कीकोशिश कि मगर यश जगा नहीं। मैं वापिस अपने कमरे में  गई लेकिन मेरे पास ठण्ड का कोई इलाज नहीं था। मैं समझ गई कि मुझे यश के किसी दोस्त से ही अपनी प्यास बुझानी पड़ेगी ताकि मेरी ठण्ड का इलाज हो जाए।

मैंने एक सेक्सी सी काले रंग की झीनी सी नाईटी पहनी जो बिल्कुल पारदर्शी थीअब मेरी ठण्ड जा चुकी थी और मेरा पूरा ध्यान यश के दोस्तों को रिझाने का था। मैं यश के कमरे में गई जहाँ कोई नहीं थाढूंढने पर मुझे एक सिगरेट मिल ही गईमैंने दूसरे कमरे में घुसने से पहले ऊँची ऐड़ी की सेंडल पहनी और सिगरेट जलाई और बड़े ही कामुक अंदाज में दूसरे कमरे में प्रवेश किया। यश के दो दोस्तसुमित और संजय उस कमरे में थेमैंने कोई परवाह नहीं की और उनके कमरे में घुस गई।

सुमित उठा और उठकर कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। जैसे ही उसने मेरी कमर पर हाथ लगाने की कोशिश कीमैंने उसके बाल पकड़े और धक्का दे दिया और खड़ी-खड़ी अपनी टांगों पर हाथ फिराने लगी। मेरी इन हरकतों को देखकर संजय पागल हो उठा और अपना लौड़ा निकाल कर मुठ मारने लगा।

मैं उसके पास गई और उसका लौड़ा पकड़कर आगे-पीछे करने लगी। संजय का शरीर पूरा गर्म हो चुका था और उसका झड़ने वाला था। वो मुझे हाथ लगाताउससे पहले ही मैंने उसे रोक लिया और कहाअब मेरी शादी होने वाली हैऔर यह मेरी आखिरी गैर मर्द से चुदाई है तो मैं चाहती हूँ कि तुम सभी आठ लोग मिलकर मुझे एक साथ चोदो और वो भी यश के सामने।

सुमित जाकर बाकी को भी बुला लाया तो मैंने अपनी इच्छा के बारे में बताया। इसके बाद वो लोग यश को उठा लाये और लाकर कुर्सी से बाँध दिया।

कुर्सी से बांधने के बाद राजीव ने यश के ऊपर पानी फेंका जिससे उसकी आँखें खुल गई मगर कमरे का नजारा देखकर वो हैरान रह गया। उस वक्त मैं संजय की बाहों में थीवो चिल्लाता रहा मगर मैंने कहातुम्हारी वजह से इन लोगों को हमारे बारे में पता चला और अगर मैं इनके साथ सेक्स नहीं करुँगी तो ये सबको बता देंगे।

मुझसे यह सुनने के बाद यश चुप हो गयावैसे भी वो कुछ बोल नहीं सकता था।

इसके बाद हमने अपना खेल शुरू किया। आज के दिन मैं उन सबकी मालकिन थी और वो लोग मेरे कुत्ते ! वो मेरी हर बात मान रहे थेमैंने दो लोगों को अपना एक-एक पाँव चाटने के लिए दो लोगों को अपना एक-एक हाथ चाटने के लिए दे दिया। वो लोग ऐसे चाट रहे थे जैसे कोई केंडी चाट रहे होंकपिल अपना लंड निकाल कर मेरे कन्धों पर मार रहा था और राजीव मेरे होंठों को चूमने में लगा हुआ था।

बाकी बचे हुए दो लोग मेरा एक-एक चुच्चा मेरी नाईटी के ऊपर से ही दबा रहे थे। काफी देर तक जगह बदल-बदल कर वो मुझे चाटते रहे और मैं भी अपने आपको चटवाने का मजा लेती रही।

इसके बाद संजय ने मेरी नाईटी उतारी और सभी ने मेरी ब्रा के ऊपर हमला बोल दिया मैंने उन्हें रोका और खुद ही अपनी ब्रा और पेंटी

उतार कर नंगी ही यश की तरफ बढ़ी। सभी अपना-अपना लंड हिलाकर मेरा इन्तजार कर रहे थे। मैंने जाकर यश का सर अपनी चूत में दबा दिया और चाटने को कहा।

यश भी सब कुछ भूल गया और मेरी चूत चाटने लगा तो मैंने भी यश को खोल दिया। उस वक्त उस कमरे में 9 लड़के थे और मैं एक अकेली लड़की।

यश ने भी अपने कपड़े उतार दिए और वो भी हाथ में लौड़ा लेकर मेरी चूत मारने के लिए तैयार हो गया। इतने लड़कों को देखकर एक बार के लिए तो मैं घबरा गईलेकिन तभी दिमाग में एक और शरारत आईमैंने उन सबको बतायासेक्स मैं पहले भी कर चुकी हूँ इसलिए मैं चाहती हूँ कि तुम सब लड़के मिलकर मेरा जोरदार चोदन करो।

मेरी बात सुनकर सबके चेहरे पर एक कातिलाना हंसी  गई। मैं भी एक बेचारी लड़की का अभिनय करने लगी और नंगी ही कमरे से भागने लगीयश ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और पीठ के बल घसीटते हुए मुझे बिस्तर पर लाकर पटक दियाइसके बाद संजय ने अपना लंड मेरे मुंह में घुसा दियासुमित ने मेरे दोनों हाथ कस कर पकड़ लिए और राजीव ने मेरे दोनों पाँवकपिल अपना लंड लाकर मेरी चूत पर रगड़ने लगाबचे हुए लोग मेरी चूत मारने के लिए लड़ाई करने लगेमैं भागने के लिए झटपटा रही थी।

राजन ने सबसे पहले अपना लं-ड मेरी चू-त में डाल दिया फिर भी मैं बेचारी लड़की की तरह छटपटाई और भागने की कोशिश करने लगी।

राजन और योगेश दोनों ने अपना लंड एक साथ मेरी चूत में घुसा दिया एक साथ दो लौड़े अपनी चूत में महसूस कर मेरी आह निकल गई। मैंने संजय से हटने के लिए कहा मगर वो भी मेरी सुनने को तैयार नहीं था। सभी बारी बारी से मेरी चूत में अपना लंड घुसा रहे थे

और जब कोई झड़ने को होता तो मेरे मुंह में अपना लेस झाड़ देते और तब तक मेरे मुंह में अपना लौड़ा रखते जब तक कि दुबारा खड़ा ना हो जाये।

इसके बाद उन सभी ने मुझे उठाया और टिंकू निचे लेट गया और नीचे से ही मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया। इसके बाद सबने अपनी अपनी जगह ले ली मेरे दोनों हाथों में दो-दो लौड़े थेएक गांड मेंएक मुंह मेंदो चूत में और एक अपना पानी मेरे मुंह पर झाड़ रहा था।

काफी देर तक जगह बदल-बदल कर वो मुझे चोदते रहे।

थोड़ी देर में मुझे लगा कोई मेरी चूत में कुछ मोटा सा कुछ घुसा रहा हैमैं देखती इससे पहले ही उन्होंने मेरी चूत में एक घिया और गाण्ड में एक मूली एक साथ घुसा दीमेरी चूत पूरी खुली हो चुकी थी और मुझ में अब संघर्ष की ताकत नहीं बची थी। वो एक-एक करके कभी घिया कभी तोरई तो कभी डंडा तो कभी लंड घुसा रहे थे। इस तरह उन लोगों से सब कुछ मेरी चूत और गांड में घुसा कर देख लिया।

मेरे साथ उन लोगों ने कई राउंड लिए और मुझे तरह-तरह से रौंदामेरी चूत का उन्होंने मिलकर पूरा भौसड़ा बना दियाअब मैं खड़ी होने लायक हालत में नहीं थी। उन सबने मिलकर मुझे उठाया और बाथरूम में ले जाकर मुझे नहलाया और वहाँ भी मुझे काफी रगड़ा और मेरी हालत पर बिल्कुल भी रहम नहीं खाया और वहाँ भी कई बार मुझे चोदा।

इसके बाद हम सब जाकर सो गएअगले दिन सुबह मेरी आँख सुबह 11 बजे खुली। जब मैं उठी तो उन्होंने सबके लिए खाने का आर्डर दिया और उसके बाद हम सभी ने खाना खाया।

इसके बाद वो बचे हुए तीन दिनों तक मुझे चोदते रहे और वो भी पूरी बेरहमी के साथ।

जब हम वापिस  रहे थे तो मैं उन सबसे कहाये हम सबने एक साथ आखिरी बार सेक्स किया था। अब मेरी शादी होने वाली है इसलिए आज के बाद हम मिल सकते हैं लेकिन एक-दूसरे के साथ सेक्स नहीं करेंगे।

इस पर वो मान गए।

करीब 3 महीने बाद मेरी और वाणी की शादी हो गईअपने साथ ग्रुप सेक्स की बात मैंने वाणी को भी नहीं बताई। यश और उसके दोस्तों ने मुझे अपनी बहन की तरह विदा किया और उसके बाद आज तक उन्होंने मुझसे सेक्स की बात तक नहीं की।

शादी के बाद क्या-क्या हुआयह मैं जरूर लिखूँगी तो इन्तजार कीजिये अगली कहानी का।

मेरे पास कई मेल्स आयेउनमें काफी सारे लोग मेरे साथ सेक्स करना चाहते हैंतो मैं बता दूँ सेक्स के लिए लड़के मैं चुनती हूँ और मैं सिर्फ पैसों के लिए सेक्स नहीं करतीयह आप जान जायेंगे आगे की कहानियाँ पढ़ने के बाद।

कुछ लोग जानना चाहते थे मैं कहा रहती हूँ तो मैं दिल्ली में रहती हूँ।

 


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