सुहागरात का मतलब सिर्फ संबंध बनाना नहीं, रखना चाहिए इन बातों का ध्यान
शादी का अर्थ दो लोगों का औपचारिक व कानूनी रुप से मिलन होता है औऱ सुहागरात को विवाहित जिंदगी का पहला पड़ाव कहा जाता है। आम तौर पर सुहागरात का मतलब नव दंपति का शारीरिक रूप से एक होना माना जाता है। लेकिन जिंदगी की इस खास रात को इतना ही समझ लेना गलत होगा। क्योंकि शादी के बाद सुहागरात ही पति-पत्नी के नए जीवन की वह पहली रात होती है, जिसमें वह दोनों एक साथ होते हैं। सुहागरात को लेकर दुल्हा और दुल्हन दोनों के मन में उत्सुकता के साथ घबराहट भी बनी रहती है। खासकर दुल्हन के मन में सुहागरात को लेकर कई तरह के सवाल घूमते रहते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए सुहागरात मनाने के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स लेकर आए हैं जो वर्जिन दुल्हन की फर्स्टक नाइट में काफी मदद कर सकते हैं।
* सुहागरात का अर्थ केवल संबंध बनाना ही नहीं होता। यह पति और पत्नी के बीच पहली रात होती है इसलिए अगर आपके और आपके पार्टनर के बीच संबंध न बने तो इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नहीं है। क्योंकि आपको अपनी सारा जीवन अपने पार्टनर के साथ बिताना है।
* शादी के बाद फर्स्टल नाइट पर ध्यान रहें कि आपकी पार्टनर पूरी तरह से रिलेक्सड हो।हमेशा इस बात का खयाल रखें कि आपके जीवन में यह पल दोबारा लौटकर नहीं आएगा। इस लिए इस समय की अहमियत समझकर इस पल को एंजॉय करें।
* फर्स्टल नाइट पर जब कोई लड़की पहली बार संबंध बना रही है तो यह जरुरी नहीं है कि ब्ली़ड हो। लेकिन यह बात जानना बेहद जरुरी है कि हाइमन केवल संबंध बनाने से ही नहीं बल्कि दूसरे कई कारणों से भी टूट सकता है।
* सुहागरात पर अपने पार्टनर से साथ पहली बार संबंध बनाने पर आपको थोडा दर्द हो सकता है इसलिए इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। हालांकि आपको इस दौरान ब्लडिंग हो या न हो लेकिन आपको इस दौरान दर्द हो सकता है।
* सुहागरात मनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी महिला फर्स्ट टाइम पर संबंध बनाने के बाद भी प्रेगनेंट हो सकती हैं। इसलिए संबंध बनाते समय हमेशा प्रोटेक्शमन यूज करें।
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