फेसबुक की दोस्त को अपने कमरे में ठोका

मेरा नाम बंटी है मैं स्नातक पास कर चुका हूं.
मेरी लम्बाई 5 फुट 8 इंच है और वजन 56 किलो है. मेरा रंग सांवला है, मगर मैं बहुत ही आकर्षक दिखता हूँ और किसी भी लड़की को पटाने के लिए परफेक्ट हूँ.

वैसे तो मैं बहुत ही शर्मीले टाईप का लड़का हूँ और लड़कियों से बात करने में बहुत हिचकिचाहट होती है इसी वजह से एक साल पहले तक मैं अकेला था.

फिर जब मैंने फेसबुक का सहारा लिया तो मुझे तमाम लड़कियों से ऑनलाइन बात करने की सुविधा मिल गई.
इसमें मुझे किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होती थी.

फेसबुक पर ही मुझे सुप्रिया नाम की लड़की अच्छी लगी तो मैंने उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी.
उसने भी मेरी मित्रता स्वीकार कर ली.

हम दोनों में बातें होने लगीं. धीरे धीरे अन्तरंगता बढ़ी तो हम दोनों हर तरह की बातें करने लगे.
वो मेरे ही शहर की और नजदीक की ही रहने वाली थी.

 

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एक दिन मैंने उसे प्रपोज किया तो उसने मुझे ब्लॉक कर दिया.
मैं सकपका गया कि जैसे तैसे तो एक को पटा पाया था, वो भी गांड पर लात मार के चली गई.

खैर … क्या किया जा सकता था. चुपचाप रह गया.

फिर कुछ दिन बाद उसकी तरफ से फ़्रेंड रिक्वेस्ट आई, मैंने भी झट से एक्सेप्ट कर ली. हम दोनों में फिर से बातें होने लगीं.

इधर अवसर आ गया है कि मैं आप लोगों को सुप्रिया से रूबरू करवा दूँ.

उसे एक हुस्न की परी तो नहीं कह सकते थे … मगर वो उससे कम भी नहीं थी. गोरे गोरे गाल, रसीले होंठ, बड़े बड़े चुचे … बिल्कुल किसी बॉल की तरह गोल और सामने को तने हुए. नागिन की तरह पतली सी कमर, जो लचकती थी तो दिल में बिजली कड़कने लगती थी.

कमर के नीचे नजर जाए, तो बाहर की तरफ उभरी हुई गांड, जिसे देख कर किसी का मन उसकी गांड मारने को मचल जाए.
नीचे गांड का जलवा घायल कर देता, तो ऊपर चूचियां किसी को चूसने और मसलने को बेकाबू कर देती.

इस बार हम दोनों अच्छे दोस्त बन चुके थे और दोनों घंटों बातें करते रहते थे.

इस तरह हम एक दूसरे के बहुत करीब आ गए थे.
मैंने एक बार फिर से उसे प्रपोज करने की सोची और अभी उससे कुछ कहता कि उस दिन उसने खुद ही मुझे प्रपोज कर दिया.

उसने लिखा- आई लव यू .. डू यू?
ये पढ़ कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था.
मैंने भी झट से उसे ‘आई लव यू टू …’ लिख दिया.

मैंने उसी समय उसे मैसेंजर पर उसको किस किया. वो खुश हो गई.

हम दोनों के पास एक दूसरे फोन नम्बर थे. तो उसने फोन करने के लिए पूछा, तो मैंने हां बोल दी.

एक मिनट बाद उसका फोन आया.
मैं अपनी हिचकिचाहट के चलते काफी सहमा हुआ था मगर काफी खुश भी था. मैंने अब तक कभी किसी लड़की से बात नहीं की थी.

उसका फोन आया तो मैंने फोन उठाया और उससे बात करने लगा.
मेरा दिल धक धक कर रहा था. मैं अन्दर से महसूस किया कि मैं वाकयी काफी डरा हुआ था.

उसने मिलने के लिए कहा तो मैंने शाम के वक्त एक होटल में मिलना तय कर लिया.

शाम हुई और मैं उससे मिलने होटल पहुंच गया.
मैं उसकी बगल की कुर्सी पर बैठ गया. हम दोनों ने काफी देर तक बात की, फिर हम दोनों ने एक दूसरे को आंखों से किस करते हुए जुदा हो गए.

देर रात को मैंने फोन से उससे फिर से बात की.
वो मुझसे मिल कर बहुत खुश थी.

अब हमारी प्यार मुहब्बत की बातें होने लगीं.

कुछ दिन बाद उसने कहा- मैं तुमसे अकेले में मिलना चाहती हूँ.

मैंने मजाक करते हुए कहा- अभी जब मिले थे, तब भी तो अकेले ही मिले थे!
वो हंस कर बोली- इस बार पब्लिक प्लेस में नहीं मिलना है.

तो मैंने भी उससे मिलने की हां कर दी और अपने रूम पर बुला लिया.

मेरे रूम पर मैं और मेरा छोटा भाई ही रहते हैं. बाकी परिजन गांव में रहते हैं. इधर पास में ही गांव के एक चाचा चाची रहते हैं.

उस दिन मैंने अपने छोटे भाई को जल्दी से खाना खिला कर चाचा के घर भेज दिया.

फिर उसे फोन किया तो वो आ गई. मैं आज बहुत डरा हुआ था. पहली बार किसी लड़की से अकेले में मिल रहा था.

वो बड़ी बोल्ड निकली उसने आते ही मुझे जोर से गले लगा लिया और चूमती हुई बोली- बाबू, आई लव यू.

मैंने भी जवाब दिया और उसे किस करने लगा.

उसके आने से पहले मैंने ये सब सोचा था कि मुझे पहल करनी होगी तो कैसे करूंगा … और इमरान हाशमी के किसिंग सीन देख कर खुद को तैयार कर रहा था.
मगर इधर तो वो मल्लिका सेहरावत सी मुझ पर टूट पड़ी थी.

चुम्बन का खेल शुरू हुआ तो हम दोनों एक दूसरे को काफी देर तक किस करते रहे.

किस करते करते ही वो गर्मा गई थी और नीचे से पानी पानी हो गई थी. ये मैंने जब उसकी चुत को टटोला था, तो गीलापन महसूस हो गया था.

अब मैं उसको कभी किस करता, कभी उसकी चूची को सहलाता, कभी उसकी बुर को सहलाता.
कभी उसकी चूची को ऊपर से ही अपने मुँह से चाटने लगता. कभी उसके कान के पास चूमता, तो कभी उसकी गर्दन के पास किस करता.

इस सबसे वह पागल होने लगी थी और जोर जोर से सिसकारी भरने लगी थी.

फिर मैंने उसकी पैंट के अन्दर हाथ डाल दिया, तो देखा उसकी बुर एकदम गीली हो गई थी.

उसने मेरा हाथ निकाल दिया मगर मैं मौका गंवाना नहीं चाहता था.
सामने लोहा गर्म था, अभी अगर कुछ नहीं करता … तो भगवान भी मुझे माफ नहीं करता.

मैं उसे पीछे की तरफ घुमा कर उसकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा, उसके बालों को हटा कर गर्दन पर किस करता रहा. साथ ही अपने दोनों हाथों से उसकी चुचियों को दबा दबा कर मसल रहा था.

बीच बीच में उसकी बुर को सहलाते हुए अपने हाथ को उसकी पैंटी में ले जाता तो वह बाहर निकाल देती.
पर वो भी कंट्रोल नहीं कर पा रही थी.

अब मैंने उसके कपड़े उतारना चाहे, तो वह आना-कानी करने लगी.

मैंने सोचा ऐसे काम नहीं बनेगा. फिर मैं उसे गेस्ट रूम में ले गया और किस करते हुए उसके हाथों में अपना बड़ा लंड दे दिया.

लंड पकड़ कर वह शर्मा गई.
फिर मेरे कहने पर वो लंड को सहलाने लगी.

मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था. पहली बार किसी लड़की ने मेरे लंड को छुआ था. नहीं तो अब तक तो खुद ही मुठ मारनी पड़ती थी.

आज मेरा लंड भी बहुत खुश था. वो खुशी के मारे और भी मोटा और लम्बा हो गया था, मानो उसमें आग लग गई हो.

मेरे लंड में पता नहीं कैसी जलन सी होने लगी थी … आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था. ऐसा लग रहा था कि फट ही जाएगा.

वो मेरे लंड को सहला रही थी और मैं आसमान में सैर कर रहा था.
मेरा लंड उसे चोदने को बेचैन हो रहा था.

फिर मैंने अपना पैंट उतार दिया और नंगा हो गया.

वो मेरे खुले हुए लंड को गौर से देखने लगी थी.
मैं बोला- परेशान मत हो जान … ये आज से तुम्हारा ही है. इसे जैसे चाहो यूज कर सकती हो.

ये सुन कर उसने मेरी तरफ देखा और हल्की सी मुस्कुरा दी.
मैं समझ गया कि मेरा लंड देख कर उसे अच्छा लगा है.

मैंने उसे अपना लंड चूसने को बोला तो वो मना करने लगी.
पर मेरे बार बार कहने पर वो लंड अपने मुँह में लेने के लिए तैयार हो गई.

मैंने भी उसके मुंह में अपना लंड डाल दिया … वो लंड चूसने लगी.
पहले पहल तो वो अच्छे से नहीं चूस रही थी. मगर जब मैं बोला कि जानू जैसे लॉलीपॉप को चाटती हो, इसे वैसे चाटो ना.
तो वो हंस पड़ी और उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.

इसके बाद से उसने लंड को और अच्छे से चूसना और चाटना चालू कर दिया.

जब वो मेरे लंड से खेलने में खो गई, तो मैं धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने लगा. उसे पता भी न चला और देखते ही देखते कुछ पल बाद वो मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी.

उसके शरीर पर सिर्फ पैंटी ही रह गई थी. सच में बड़ी कयामत लग रही थी. उसकी बड़ी बड़ी चूचियां उसे और भी हसीन बना रही थीं.

मैं नीचे खड़ा था और उससे अपना लंड चुसवा रहा था.
वो बड़े मजे से मेरा लंड चूस रही थी.

मैं उसकी चुचियों को देख कर कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था. मैं झट से उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसना चालू कर दिया.
चुचे चूसते चूसते मैंने उन्हें लाल कर दिया.

बीच बीच में मेरा लंड उसकी बुर के ऊपर भी रगड़ खा रहा था जिससे वो और भी मदहोश हो रही थी.

फिर मैं 69 की पोजीशन में आ गया.
मैंने उसके मुँह में फिर से अपना लंड डाल दिया और ख़ुद उसकी बुर को पैन्टी के ऊपर से ही किस करने लगा.

मेरे चुत पर किस करते ही वो ऐसे उछल पड़ी मानो कह रही हो कि पैंटी भी उतार दो.

मैंने जैसे ही उसकी पैंटी को उतारा, तो सन्न रह गया. उसकी गुलाबी बुर एकदम चिकनी थी, झांटों का नामोनिशान तक नहीं था.

चिकनी चुत को देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए थे. मैंने चुत को किस किया और उसे चाटने लगा.

एक मिनट की चुत चटाई में वो तो पागल हो चुकी थी. उसकी बुर भी बिल्कुल रस छोड़ने लगी थी.
उसकी चुत का रस, चाटने में बिल्कुल केक के ऊपर की मलाई की तरह लग रहा था. ये ऐसी मलाई थी … जिसे आज तक मैंने कभी नहीं चखा था.

मैं पूरे मनोयोग से उसकी चुत की मलाई को चाटता चला गया और वो गर्म आहें भरती रही.

उसकी मादक सीत्कारों की आवाज पूरे रूम में गूंज रही थी. मैं उसकी चुत को चूसे जा रहा था.

इस बीच वो फिर से झड़ गई और उसने मेरा मुँह पूरी तरह गीला कर दिया.
फिर मैंने अपनी जीभ से अच्छी तरह उसे चाटा और साफ कर दिया.

अब फिंगरिंग की बारी थी … तो मैं सीधा होकर उसके होंठों को चूसने लगा और अपनी उंगली को उसकी बुर में अन्दर बाहर करने लगा.
उसकी चूत बिल्कुल कसी हुई थी. मेरे उंगली से वो कुछ ज्यादा ही चीख रही थी.
उसे दर्द हो रहा था पर मैंने भी उसके मुँह को अपने होंठों से दबोच रखा था ताकि आवाज ना हो.

कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो बोली- जानू, अब और बर्दाश्त नहीं होता … अपने लंड को मेरे अन्दर डाल दो.

मेरी इंडियन गर्लफ्रेंड सेक्स के लिए मचल रही थी … मैं भी सही मौका देख कर तुरंत उठा और सामने अलमारी में से आंवला तेल की शीशी ले आया.
मैंने बहुत सारा तेल उसकी बुर में डाल दिया और अपने लंड पर भी लगा लिया.

हम दोनों के लंड चुत पहले से ही गीले थे … फिर भी मैं कोई व्यवधान नहीं चाहता था. इसलिए मैंने चुत को कुछ ज्यादा ही चिकना कर दिया था ताकि मेरा लंड आसानी से चुत में अन्दर घुसता चला जाए.

पर ऐसा हुआ नहीं.

मेरा लंड उसकी बुर में घुस ही नहीं पा रहा था. घुसता भी कैसे … वो बिल्कुल सील पैक माल जो थी.

कैसे भी करके मैंने दो इंच तक लंड चुत के अन्दर डाल दिया.
वो बड़ी जोर से चिहुंक गई … उसकी दर्द भरी आवाजें निकालने लगीं.

वो मना करने लगी कि रहने दो बाद में कभी कर लेना.

मैं भी अन्तर्वासना पर स्टोरी पढ़ पढ़ कर सयाना हो गया था. मैंने जोर से उसके मुँह को दबाया और लंड को अन्दर पेल दिया.
वो छटपटा रही थी मगर मैं उसे हिलने भी नहीं दे रहा था. वो पैर पटकती रही, लेकिन मैं नहीं हटा.

कुछ देर में वो स्थिर हो गई तो मैं उसे किस करने लगा. वो अब सामान्य हो गई थी. मेरा अभी तक आधा लंड ही अन्दर जा पाया था.

उसके सामान्य होते ही मैंने दूसरा झटका लगा दिया … इस बार लंड कुछ और अन्दर चला गया था.

वो और ज्यादा चीखने लगी. वो बोल रही थी कि जानू प्लीज़ बाहर निकाल लो … मेरी जान निकल रही है.
मगर मैं जानता था कि आज अगर नहीं हुआ, तो ये फिर कभी नहीं चोदने देगी.

मैं बोला- जानू बाहर निकालूंगा तो फिर दर्द होगा … इससे अच्छा है कुछ देर ऐसे ही रहने दो. अभी सब ठीक हो जाएगा. तुमको तो पता ही है कि पहली बार में थोड़ा दर्द होता है.
वो मान गई और हम दोनों किस करने में खो गए.

अब फिर से मौका पाकर मैंने पूरे जोर से धक्का लगा दिया और इस बार पूरा का पूरा लंड चुत के अन्दर डाल दिया.
वो छटपटाने लगी और रोने लगी. उसकी आंख से आंसू आने लगे.

मैंने उसे चूमते हुए सॉरी बोला और रुक गया. मुझे बुरा भी लग रहा था.

इस बार वो लंड निकालने के लिए नहीं बोली, पर उसके आंखों में आंसू थे.

कुछ देर तक मैं उसके ऊपर चढ़ा रहा. मेरे लंड में गर्मी सी महसूस हो रही थी.
मैंने हाथ से लंड छूकर देखा, तो वो खून था.

मैं समझ गया कि मेरी जानू की बुर फट गई है.
मेरी जानू आंख बन्द करके लेटी हुई थी.
मैं भी लेटा रहा.

अब मैं हल्के हल्के से लंड को हिलाने लगा.

खून से उसकी बुर बिल्कुल तर हो गई थी. अब और कुछ फटने को नहीं बचा था जिससे उसे दर्द होता.

कुछ पल बाद उसे थोड़ा आराम मिलने लगा था.
मैं किस करते हुए अपनी क़मर को हिला रहा था.

कुछ देर ऐसे करने पर उसने आंख खोली और किस का मजा लेने लगी.

अब लंड ने भी अपनी रफ्तार पकड़ ली. मेरे धक्के तेज हो गए.

वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी- आह ओह आह जानू … जोर से आह ओह!

उसकी मादक आवाजों से मेरा मनोबल बढ़ रहा था- आह बाबू उह … जोर जोर से चोदो न .. आह मेरे शोना … पेलो.

मैं भी जोर जोर से लंड पेल रहा था. वो पूरी तरह से चुदाई का मजा ले रही थी, मैं भी उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था.

कुछ देर बाद वो झड़ गई और मुझसे जोर से चिपक गई.
मैं उसे उसी हालत में चोदता रहा.

दो मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था, मैंने पूछा- माल कहां लेना है … मुँह में या चुचियों पर.
उसने हल्की सी मुस्कान के साथ कहा- मुँह में ही डाल दो जानू … मैं भी तो इसका स्वाद चख लूं.

मैं अब लंड चुत से निकाल कर उसके मुंह को चोदने लगा. कुछ ही देर बाद लंड से पिचकारियां निकलने लगीं और मैंने पूरा का पूरा रस उसके मुँह में ही छोड़ दिया.
उसने भी बड़े चाव से वीर्य पी लिया.

कुछ वीर्य वो अपने मुँह में भरे रही बाद में मुझसे चूम कर मेरे मुँह में मेरा ही वीर्य डाल दिया.

फिर उसने अच्छे से मेरा लंड चाट चाट कर साफ कर दिया.

अब करीब एक बज गए थे.

हम दोनों एक दूसरे को किस किया. वो मेरे लंड से खेलने लगी.

कुछ देर बाद फिर से चुदाई चालू हो गयी 

इसी तरह से 3 बार चुदाई हुई.

सुबह हो गई थी तो मैं सुबह घूमने वाली जनता के उठने से पहले उसे उसके घर छोड़ दिया.

उसे अलग होते समय मैंने उसके माथे पर किस किया और बाय बोल कर चला आया.

उसका घर मेरे रूम के नजदीक ही था और घर के बाहरी हिस्से में ही था, तो उसके मम्मी पापा को भी पता नहीं चला.

अब हम दोनों बराबर एक दूसरे से सेक्स करते हैं. वो मुझसे बहुत प्यार करती है … मैं भी उसे बहुत प्यार करता हूँ.

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